...और सामने खुला आकाश...
बढिया. खूब कहा.
Very well composed poem....keep up the good work.well done :)
अच्छी कविता है.
सही भावजिंदगी को तो बहुत सारी चीजें बाँधती है और उनमें एक बंधन रिश्तों का भी है।
सुन्दर रचना विक्रम
शरीर से ऊपरयादों में बसतीइन्हीं रिश्तों सेखिलती भी है जिंदगी।pretty nice lines depicting life n relations...
बहुत बढ़िया कभी कभी लिखी हुई चीज अपील करती है / और तब आप उस वास्तविकता को महसूस कर सकते हैं / बहुत बहुत बधाई/ प्रवीण त्रिवेदी "मनीष" http://primarykamaster.blogspot.com/
Post a Comment
7 comments:
बढिया. खूब कहा.
Very well composed poem....
keep up the good work.
well done :)
अच्छी कविता है.
सही भाव
जिंदगी को तो बहुत सारी चीजें बाँधती है और उनमें एक बंधन रिश्तों का भी है।
सुन्दर रचना
विक्रम
शरीर से ऊपर
यादों में बसती
इन्हीं रिश्तों से
खिलती भी है जिंदगी।
pretty nice lines depicting life n relations...
बहुत बढ़िया
कभी कभी लिखी हुई चीज अपील करती है /
और तब आप उस वास्तविकता को महसूस कर सकते हैं /
बहुत बहुत बधाई/
प्रवीण त्रिवेदी "मनीष"
http://primarykamaster.blogspot.com/
Post a Comment