Monday, July 18, 2011

हाईकु

(१)

प्रीत संवारे
पेड़ के कोटर में
निर्मित नीड़।


(२)
नदिया बहे
बूंद बूंद पानी ले
अस्तित्त्व थामे।


(३)
जीवन सारा
खिले चेहरों पर
खेल तमाशा।


(४)
दादी की गोद
ममता भरा स्पर्श
प्यारा बचपन।

(५)
पग रखना
संभल संभल के
जीवन पथ।


(६)
बोझ उठातीं
अनवरत चले
सांसे निश्छल।

8 comments:

NEHA SHARMA said...

lovely di :)

sachin said...

nice one

डॅा. व्योम said...

बहुत अच्छे हाइकु हैं अर्बुदा जी। हाइकु दर्पण पर आगमन के लिये आभार।

arbuda said...

नमस्ते व्योम जी, धन्यवाद। आपने पसंद किया, बहुत अच्छा लगा।
सचिन, नेहा- शुक्रिया।

मीनाक्षी said...

बढ़ती रहो
जो चाहो पा लो बस
यही कामना

संजय भास्‍कर said...

बहुत खूब कहा है ... आभार के साथ शुभकामनाएं ।

!!अक्षय-मन!! said...

आप बहुत बहुत अच्छा लिखते हैं....

arbuda said...

धन्यवाद।

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