Wednesday, May 14, 2008

हाईकु (त्रिपदम)


(1)

स्वर्णिम आभा
बिखेरे दिनकर
अतिसुन्दर।




(२)

पेड़ की जड़ें
माटी भीतर सींचे
जीवन डोर।


(३)

छोटा बालक
रंग और कल्पना
चित्र बनाता।

2 comments:

शोभा said...

सुन्दर चित्र हैं।

Anonymous said...

शब्‍द और चित्र
सुंदर अति सुंदर
भाव सिकंदर.

अविनाश वाचस्‍पति

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