...और सामने खुला आकाश...
अन्तस में प्रकाश की
किरणें उत्साह की
मदमस्त मुझे कर
ले चलीं
अनन्त सागर में
उज्ज्वल आँगन में
मौन पावन में...
…छोड़ चलीं...
किरणें प्रकाश की
लहरें उत्साह की
प्रतिमा मेरे प्रिय की।
पावन अनुभूति...
किशोर जी, शुक्रिया।मीनाक्षी ये अनुभूति सचमुच पावन होती है। सही कहा।
वाह ! बेहद खूबसूरती से कोमल भावनाओं को संजोया इस प्रस्तुति में आपने ...
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3 comments:
पावन अनुभूति...
किशोर जी, शुक्रिया।
मीनाक्षी ये अनुभूति सचमुच पावन होती है। सही कहा।
वाह ! बेहद खूबसूरती से कोमल भावनाओं को संजोया इस प्रस्तुति में आपने ...
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