तुम्हारा आना
आकर पास बैठ जाना ,
क्योंकि बात करने की
तुम्हें आदत नहीं ।
पर तुम्हारा
मेरी बातों पर ,
हंस देना ,
दिन भर की थकावट को देख
मुस्कुरा देना ,
और आंखों से ही दर्द पर
मरहम लगा देना ।
तुम्हारी इन छोटी छोटी
शांत हरकतों पर
मुझे अक्सर प्यार आजाता है ।
मेरे गुस्से को तुम्हारा
स्नेह मिल जाता है ।
और हमेशा ही
तुम्हारा मौन
मुझसे जीत जाता है ।